भारतीय संविधान का निर्माण कब हुआ?

 भारतीय संविधान, भारत की सदस्यता रखने वाले संसद द्वारा बनाया गया है। भारत का संविधान सभी नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों का एक मानक है। यह भारत की संवैधानिक संरचना, संवैधानिक न्यायपालिका और व्यवस्था को स्थापित करता है।

भारतीय संविधान का निर्माण भारत के स्वतंत्रता के बाद हुआ था। इसके पहले भारत ब्रिटिश साम्राज्य के तहत था और उसकी संवैधानिक संरचना भी ब्रिटिश सरकार द्वारा निर्धारित थी।

स्वतंत्रता के बाद, भारत के नेता ने एक संविधान सभा बुलाई जिसमें वे भारत की संवैधानिक संरचना के विषय में चर्चा कर सकें। इस सभा के बाद एक संविधान समिति बनाई गई, जिसके नेता भारत के विभिन्न भागों से आए थे। इस समिति में शामिल थे जैसे कि बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और राजेन्द्र प्रसाद।

भारतीय संविधान, जो कि राष्ट्रीय संघ और उसके राज्यों के संबंधों को निर्धारित करता है, भारत का सबसे महत्वपूर्ण नियमक है। भारत का संविधान संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया था, जिसमें 389 सदस्य शामिल थे, जिनमें से 292 राज्य विधायिका सदस्य थे। संविधान सभा का अध्यक्ष डॉ. बी.आर. अंबेडकर थे। भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।

भारतीय संविधान के निर्माण के बाद, भारत एक संवैधानिक लोकतंत्र बन गया था। संविधान भारत के नागरिकों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में समझाता है और इसे उनके न्यायाधीशों और राजनेताओं के संबंधों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है।

भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद शामिल हैं, जो विभिन्न विषयों पर अनुशासन को निर्धारित करते हैं।

भारतीय संविधान भारत का संविधान है जो भारत के राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा 26 नवंबर 1949 को लोक सभा में पारित किया गया था। इसका अधिकारिक अमल 26 जनवरी 1950 से हुआ था। भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है जो कि अंग्रेजी भाषा में लिखा गया है।

भारतीय संविधान के निर्माण में अनेक व्यक्तियों और संस्थाओं का योगदान था। इसके निर्माण में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, वकील बाबू राजेन्द्र प्रसाद, भारत के संविधान निर्माता बाबासाहब अंबेडकर, बी.आर. अंबेडकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, कन्हैयालाल मुन्शी, राजकुमार शुक्ला, नवीन चंद्र गुप्ता, सरदार वल्लभभाई पटेल, रजेंद्र प्रसाद, और मन्य अन्य महान व्यक्तियों का योगदान था।

भारतीय संविधान भारत का सर्वोच्च कानून है जो भारत के संवैधानिक ढांचे को परिभाषित करता है। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था और यह भारत के स्वतंत्रता के बाद बनाया गया था। भारत का संविधान विश्व का सबसे लंबा संविधान है और यह 448 अनुच्छेदों और 12 अनुसूचियों से मिलकर बनता है।

भारत का संविधान बनाने की प्रक्रिया 1947 में शुरू हुई जब भारत स्वतंत्र हुआ था। नेहरू रिपोर्ट कमेटी को संविधान बनाने के लिए बनाया गया था और इसके बाद संविधान निर्माता सभा की बैठकों और आम जनता से सुझावों के आधार पर संविधान बनाया गया। संविधान निर्माता सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंतिम रूप दिया और 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ।

भारतीय संविधान भारत की संवैधानिक धार्मिक और राजनीतिक जीवन की उपलब्धियों का एक महत्वपूर्ण संग्रह है। भारतीय संविधान का निर्माण भारत की स्वतंत्रता के बाद हुआ था।

1947 में भारत अंग्रेजी साम्राज्य से आजाद हुआ था। उस समय भारत को संविधान का आवश्यकता था। २६ नवंबर १९४९ को संविधान निर्माता समिति की स्थापना की गई। यह समिति भारत के सभी प्रमुख नेताओं को सम्मिलित करती थी, जिसमें बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर भी थे। समिति ने अपने काम के लिए लगभग दो साल लगाए और उसने २०६ अधिनियमों का उत्तरदायित्व संभाला।

संविधान निर्माता समिति के अध्यक्ष बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर ने संविधान के लिए एक मस्टर-ड्राफ्ट तैयार किया था, जिसे अधिकांश अधिनियमों के साथ संयुक्त रूप से संविधान के रूप में स्वीकृति दी गई। संविधान का निर्माण २६ जनवरी १९५० को पूरा हुआ था।


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